नामदफा टाइगर रिज़र्व अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित भारत का चौथा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है|यह नोआ दिहिंग नदी के किनारे स्थित है|
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1972 में इसे वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया|बाद में इसे टाइगर प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 1983 भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया|
नामदफा टाइगर रिज़र्व चर्चा में क्यों है-
अरुणाचल प्रदेश के नामदफा टाइगर रिज़र्व में 12 वर्षो में पहली बार वयस्क नर हाथी देखा गया|विश्व में कुल एशियाई हाथी में 60% हाथी भारत में हैं|इन्हें IUCN के रेड लिस्ट में संकटग्रस्त श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है|
हाथी की प्रमुख प्रजातियाँ–
हाथी की प्रमुख 4 प्रजातियाँ हैं-
- भारतीय इनका वास स्थान भारत के प्रमुख वन्य जीव अभयारण्य,जंगलों एवं एशियाई जंगलों में है|यह संकटग्रस्त प्राणी की श्रेणी शामिल है|
- समात्राई इनका निवास स्थान भी एशियाई जंगलों में है और यह जीव गंभीर संकटग्रस्त प्राणी की श्रेणी में है|
- सवाना इसका वास स्थान अफ्रीका में है यह संकटग्रस्त प्राणी की श्रेणी में शामिल है|
- अफ़्रीकी वन्य हाथी इनका निवास स्थान अफ्रीका है और यह IUCN के रेड लिस्ट में गंभीर संकट ग्रस्त प्राणी की श्रेणी में शामिल है|

जैव विविधता एवं पर्यावरणीय विशेषता-
नामदफा टाइगर रिज़र्व अपने पुराने जंगलों के लिए बहुत ही प्रसिध्द है|यहाँ पर विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों,पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती है|नामदफा टाइगर रिज़र्व में बाघ,राइनो,तेंदुएं और अन्य प्रकार के जानवर और सरीसृपों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के लिए प्रसिध्द है|नामदफा टाइगर रिज़र्व में चौड़ी पत्ते वाले एवं शंकुधारी वृक्ष पाए जाते हैं|यहाँ पर भरी वर्षा होती है|यहाँ पर विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों की प्रजातियाँ पाई जाती है|
अन्य प्रजातियाँ-
नामदफा टाइगर रिज़र्व में निम्नलिखित प्रजातियाँ पाई जाती है-टाइगर,राइनों,गिब्बन,जंगली कुत्ता इत्यादि|
भारत में हाथियों की सबसे अधिकतम आबादी कर्णाटक राज्य में और सबसे कम आबादी ओड़िशा राज्य में है|
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