Pratham Foundation भारत के सबसे बड़े संगठनों में से एक गैर-सरकारी संगठन है|इसकी स्थापना माधव चव्हाण एवं फरीदा लाम्बे के सहयोग से हुआ था|प्रथम संगठन का भारत में शैक्षिक रूप से वंचित बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है|सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने एवं आपेक्षित अधिगम स्तर को सुधारने हेतु संगठन भारत के 23 राज्यों एवं केन्द्रशाषित प्रदेशों में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का काम कर रही है|
लाखों स्कूल छोड़े बच्चों में आपेक्षित अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिए यह संगठन दो तरीके से काम करती है|एक “प्रत्यक्ष” इसमें इस फाउंडेशन के प्रशिक्षित व्यक्ति और उनकी टीम स्कूल या समुदाय में बच्चों के साथ मिलकर काम करती है|दूसरा “साझेदारी” इस कार्यक्रम के माध्यम से फाउंडेशन की टीमे केंद्र सरकार स्तरीय ,राज्य सरकार स्तरीय एवं जिले स्तर पर विभिन्न सरकारी संगठनों एवं शिक्षकों के साथ मिलकर बेहतर लक्ष्य को पाने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर रही है|
Pratham Foundation के उद्देश्य-
Pratham Foundation का मूल भारत के बच्चों और समुदायों को अच्छी एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना है,जिससे कि वे अपने जीवन में सुधार ला सके और अपने आप को समाज के मुख्य धरा में ला सके|यह फाउंडेशन ऐसे बच्चों पर केन्द्रित है जो शिक्षा से दूर है या उनके पास शिक्षा प्राप्त करने के लिए संसाधन कम है|
Pratham Foundation का लक्ष्य है-“हर बच्चा स्कूल जाये और अच्छी तरह सीखें”|
भारत में गरीबों की साक्षरता दर को बढ़ाना|
इसका उद्देश्य भारत की सामाजिक समानता एवं आर्थिक समानता को दूर करना है|
इस संगठन का लक्ष्य सरकारी संगठनो के साथ मिलकर वंचित बच्चों को एक सस्ती,टिकाऊ शिक्षा मॉडल को प्रस्तुस्त करना है|
इस फाउंडेशन का उद्देश्य अन्य सहयोगी संगठन प्रथम बुक्स के साथ मिलकर बच्चो के लिए एक सस्त्ती एवं गुणवत्ता पूर्ण किताबें प्रकाशित करना है|
Pratham Foundation को वर्षो से लाखों वंचित बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2013 में बिबिविए फाउंडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड से नवाजा गया| 2018 में, प्रथम फाउंडेशन को लुई चे वू पुरस्कार से सम्मानित किया गया|